एक्सिडेन्ट
घर के एक सदस्य को होता है लेकिन उसका परिणाम पुरे परिवार को भुगतना पडता है. उसमे
भी घर के उत्तरदायी व्यक्ति का एक्सिडेन्ट मौत होती है तो पुरा परिवार मानसिक और आर्थिक
तौर से निराधार हो जाता है.
वाहन कि संख्या दिन प्रतिदिन बढ रही है और एक्सिडेन्ट
कि संख्या भी बध रही है. विशेषज्ञो के अनुसार अगर पिडीत को प्रथम 1 घंटे के अंदर अस्पताल
में प्रवेश किया जाये तो 50% मृत्युदर को हम
कम शकते है. एक्सिडेन्ट के तत्काल प्रथम 1
घंटे के अंदर अगर मरीज को प्राथमिक सारवार दी जाये तो दर्दी की मौत होने से बच शकती
है. अगर एसी प्राथमिक सारवार दर्दी को समय पे सहायता न मिले तो उनमें से ज्यादातर कि दुर्घटना
स्थल पर मौत हो जाती है. इस बात को ध्यान रखते हुए गुजरात सरकारने ये फरमान जारी किया
है कि गुजरात के किसी भी कोने मे एक्सिडेन्ट हुआ हो तो उस दर्दी को किसी भी अस्पताल
मे प्रथम 48 घंटे के अंदर जो भी सहायता मिलेगी उसका 50,000/- तक का खर्चा गुजरात सरकार
द्वारा दिया जायेगा. और ये 50,000 तक कि सहायता व्यक्ति दीठ उस अस्पताल को सीधी भुग्तान
किया जायेगा इस योजना कि कुछ शरते भी है.
इस योजना का
परिपत्र आपको नीचे दिए गये लिंक पर मिल जायेगा. अगर को आपको ये पोस्ट काम कि लगे तो
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1 comment:
Good
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