मोबाइल सिम लेने वाले ग्राहक इस वर्ष पहली
जुलाई से अपने आधार कार्ड के बदले वचरुअल आइडी का उपयोग कर सकेंगे। वर्चुअल आइडी
के तहत ग्राहक को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) की तरफ से ही 16-अंकों का खास
नंबर जारी किया जाएगा।
इसका
फायदा यह होगा कि मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को जरूरत पड़ने पर यूआईडीएआई की
तरफ से ग्राहकों की पहचान भी मिल जाएगी, और ग्राहकों की सबसे बड़ी चिंता भी दूर हो
जाएगी कि मोबाइल कंपनियां आधार के जरिये उनकी महत्वपूर्ण सूचनाएं अपने डाटाबेस में
सुरक्षित रख रही हैं।
सरकार ने बुधवार को
टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वे अपने सिस्टम में इस तरह का बदलाव कर लें कि वह
आधार नंबर के बदले 16-अंकों की वर्चुअल आइडी को
स्वीकार करने लायक हो जाए। टेलीकॉम कंपनियों को यह भी कहा गया है कि वे ‘अपने ग्राहक को जानें’ (केवाइसी) की विस्तृत प्रक्रिया
की जगह सीमित प्रक्रिया अपनाएं। यूआइडीएआइ के सीईओ अजय भूषण पांडे ने सरकार के इस
कदम को टेलीकॉम ग्राहकों की डाटा सुरक्षा के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण करार
दिया है।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बुधवार को एक
अधिसूचना में कहा कि सभी लाइसेंसधारी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां नया मोबाइल
कनेक्शन लेने या पुराने के दोबारा सत्यापन के लिए यूआइडीएआइ द्वारा पहली जुलाई से
वचरुअल आइडी को आधार का विकल्प बनाने की प्रस्तावित योजना लागू करने के लिए अपने
सिस्टम में जरूरी बदलाव कर लें।
डीओटी ने
यह भी कहा कि मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां ग्राहकों को उनकी सहूलियत के हिसाब से ‘या तो आधार नंबर
या वर्चुअल आइडी’ देने के लिए
कहेंगी। लेकिन उनके द्वारा दिया दोनों में से कोई भी नंबर प्वाइंट ऑफ सेल टर्मिनल
यानी सिम जारी करने वाले स्थान पर ‘छुपे रूप’ में ही दिखाया जाएगा और वहां ग्राहकों से
जुड़ी कोई भी जानकारी संचित कर नहीं रखी जाएंगी।
No comments:
Post a Comment