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Saturday, October 13, 2018

जानिये स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के बारे में सब कुछ


आज हम आपको स्टॉक और शेयर मार्किट के बारे मे सभी बेसिक जानकारी बड़े ही सरल शब्दों मे बतायेंगे. आपने स्टॉक मार्केट के बारे में सुना तो होगा ही लेकिन क्या आप जानते है ये स्टॉक मार्केट क्या है और कैसे काम करती है. साथ ही साथ IPO, DEMAT ACCOUNT, TRADING ACCOUNT, BSE, NSE, SENSEX, NIFTY, DIVIDEND, CAPITAL APPRECIATION के बारे मे भी हम आपको बतायेंगे.



ABCD OF STOCK MARKET स्टॉक मार्केट की बेसिक जानकारी.

किसी कंपनी को अपना बिजनेस बढ़ाने और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यो को पूरा करने के लिये पैसो की जरूरत होती है. ये पैसा या तो कंपनी उधार लेती है जिसे डेब्ट फाईनेंसिंग (debt financing) कहते है. ये पैसा उन्हें किसी बैंक से मिल सकता है, लेकिन इस पैसे को जब वे उस बैंक को वापिस करते है तो उन्हें इसपर ब्याज देना होता है. पैसा उठाने का एक और माध्यम है इक्विटी फाईनेंसिंग (equity financing). स्टॉक मार्किट से पैसा उठाना इसी के अंतर्गत आता है. स्टॉक मार्किट से पैसा उठाना यानि के लोगो से पैसा लेना. इस माध्यम से ना तो कंपनी को लोगो को पैसा वापिस देना पड़ता है ना ही उन्हें लोगो को कोई ब्याज देना पड़ता है. इसके बदले कंपनी निवेशको को अपनी कंपनी मे हिस्सेदारी देती है और उन्हें अपने साथ भागीदार बना लेती है. पैसा लगाने वाले लोग स्टॉक मार्किट से कंपनी के शेयर खरीदते है और कंपनी के लाभ और हानि के हिस्सेदार बन जाते है. इस प्रकार स्टॉक मार्किट किसी भी कंपनी के लिये एक ऐसा माध्यम बन जाता है जहा से वे पैसा उठा सकते है.

WHAT IS SHARE MARKET AND HOW IT WORKS शेयर मार्केट क्या है और ये कैसे काम करती है 

स्टॉक मार्केट को ही शेयर मार्केट कहते है, कंपनी के शेयरों के अतिरिक्त यहाँ बांड्स, म्यूच्यूअल फंड्स का भी व्यापार होता है.

शेयर मार्केट दो तरह के होते है TYPES OF SHARE MARKET

  •  प्राइमरी शेयर मार्केट PRIMARY SHARE MARKET


इस मार्केट मे कंपनी पैसा उठाती है, अपने आपको शेयर बेचने के लिये स्टॉक एक्सचेंज मे रजिस्टर करवाती है.जब कंपनी पहली बार लोगो से पैसा उठाती है तो उसे IPO (INITIAL PUBLIC OFFERING) कहा जाता है. IPO के वक्त कंपनी को अपने बिजनेस, स्टॉक्स के दामो, प्रमोटर्स और फाइनेंशियल जानकारी प्रदान करनी पड़ती है. इसमे लेनदेन सीधे कंपनी और लोगो के बीच होता है. लोगो द्वारा कंपनी के जीतने शेयर ख़रीदे जाते है उसी अनुपात मे उन्हें कंपनी की भागीदारी भी मिलती है. 

  • सेकेंडरी शेयर मार्केट SECONDARY SHARE MARKET


इस मार्किट में लोग अपने शेयर खरीदते और बेचते है.IPO मे सिर्फ कंपनी से शेयर खरीदे जा सकते है उन्हें बेचने के लिये ये जरूरी है की पहले वो स्टॉक स्टॉक एक्सचेंज मे लिस्ट हो जाये. IPO मे जब सभी शेयरों का आबंटन हो जाता है तो कुछ दिन बाद ही वो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाता है. स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद आप IPO में खरीदे हुए शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर बेच सकते हो. यहाँ आप चाहे तो दूसरे इच्छुक निवेशक जो कंपनी मे हिस्सेदार बनना चाहते है उनको अपने शेयर बेच सकते है. स्टॉक एक्सचेंज मे ख़रीदे और बेचे हुये शेयरो मे कंपनी शामिल नहीं होती, यहाँ लोग अपने शेयरो को खरीदते और बेचते है. आम तौर पर, ये लेनदेन ब्रोकर के माध्यम से किए जाते हैं.

DEMAT ACCOUNT & TRADING ACCOUNT

शेयरो को खरीदने और बेचने का सारा काम ऑनलाइन ही होता है. IPO हो  या चाहे स्टॉक एक्सचेंज दोनों मे शेयर खरीदने के लिये आपको किसी स्टॉक ब्रोकरेज फर्म के साथ DEMAT अकाउंट खोलना होगा, स्टॉक मार्केट मे निवेश करने के लिये DEMAT ACCOUNT और TRADING ACCOUNT होना जरूरी होता है. स्टॉक ब्रोकरेज फर्म मध्यस्थ होते है और इनके सहारे शयरो को बेचा और ख़रीदा जा सकता है. ख़रीदे गये शेयर DEMAT ACCOUNT मे आते है, यहाँ से आप शेयरों को खरीद और बेच नहीं सकते. शेयरों को खरीदने और बेचने के लिये TRADING ACCOUNT की जरूरत होती है. खरीदने के बाद ये शेयर DEMAT ACCOUNT मे चले जाते है. जब आप DEMAT ACCOUNT खोलते है तो साथ ही में TRADING ACCOUNT भी खुल जाता है. इन्हें खुलवाने के लिये कुछ डाक्यूमेंट्स लगते है जैसे की आधार कार्ड या वोटर आईडी, पेन कार्ड, कैंसिल चेक या बैंक पासबुक की कॉपी. 

NSE & BSE 

ये दोनों भारत के मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है. NSE (NATIONAL STOCK EXCHANGE) और BSE (BOMBAY STOCK EXCHANGE). निवेशक अपने शेयरो की खरीद और बिक्री यही करते है. BSE मे NSE से ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे लगभग 5000 कंपनिया लिस्टेड है जबकि NSE मे 1500 से ज्यदा कंपनिया लिस्टेड है. स्टॉक एक्सचेंज मे लिस्टेड सभी कंपनियां या तो BSE या तो NSE मे लिस्टेड है. 
स्टॉक मार्केट का पूरा प्रदर्शन आमतौर पर विभिन्न स्टॉक मार्केट इंडेक्स (निर्देशांक) के प्रदर्शन में ट्रैक और प्रतिबिंबित होता है। स्टॉक इंडेक्स स्टॉक के चयन से बना है जो यह दर्शाता है कि समग्र रूप से शेयर कैसे प्रदर्शन कर रहे हैं। चूंकि हजारों कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध हैं, इसलिए एक समय में बाजार प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए प्रत्येक स्टॉक को ट्रैक करना वाकई मुश्किल है। इसलिए, एक छोटा सा नमूना लिया जाता है जो पूरे बाजार का प्रतिनिधि होता है। इस छोटे नमूने को इंडेक्स कहा जाता है
स्टॉक मार्केट के दो प्रमुख इंडेक्स
ये दो प्रमुख इंडेक्स SENSEX और NIFTY है. सेंसेक्स BSE का इंडेक्स है और NIFTY NSE का. सेंसेक्स  को BSE 30 भी कहा जाता है, ये इंडेक्स अपने अपने सेक्टर की प्रमुख रूप से स्थापित 30 प्रमुख कंपनियों से बना है. वही NIFTY को NIFTY 50 भी कहते है, इसमें अपने अपने क्षेत्रो की बेहतर और अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियां शामिल है.
NIFTY और SENSEX के परफॉरमेंस से स्टॉक मार्केट के हाल को जाना जा सकता है. जैसे मान लीजिये की आज सेंसेक्स या निफ्टी 28000 है और अगले दिन बढ़कर ये 2850 हो जाये तो हम कहते है की स्टॉक मार्किट का प्रदर्शन अच्छा है और शेयरो के दाम बढ़ गये लेकिन यदि अगले दिन ये घट कर 2750 हो जाये तो इसका मतलब की कंपनियों की स्थिति अच्छी नहीं है और शेयर के दाम घट गये.

स्टॉक मार्केट में निवेशक किस तरह लाभ कमाते है.  HOW INVESTORS EARN IN SHARE MARKET OR STOCK MARKET

स्टॉक मार्केट में निवेशक दो तरह से लाभ कमाते है, पहला DIVIDEND और दूसरा CAPITAL APPRECIATION. 

DIVIDEND

जब एक कंपनी द्वारा (आमतौर पर सालाना रूप से) अपने शेयरधारकों को अपने मुनाफे से नियमित रूप से एक हिस्सा दिया जाता है तो उसे DIVIDEND कहते है. वैसे शेयर धारको को DIVIDEND देना है या नहीं ये कंपनी की अपनी मर्जी पर आधारित होता है.

CAPITAL APPRECIATION

ये स्टॉक मार्किट में पैसा कमाने का मुख्य स्त्रोत होता है. जब किसी कंपनी के शेयर के दाम बढ़ जाते है तो उससे उसके निवेश का मूल्य भी बढ़ जाता है. मान लीजिये कि चार साल पहले आपने किसी कंपनी का शेयर 50 रूपए मे ख़रीदा और आज इस शेयर की कीमत 450 रूपए है तो आपके शेयर मे बढ़ी 400 रूपए की कींमत CAPITAL APPRECIATION कहलायेगी.

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