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Saturday, June 23, 2018

June 23, 2018

महाराष्ट्र में 23 जुन से हुआ प्लास्टिक बैन, पकड़े जाने पर 25 हजार तक का देना पडेगा जुर्माना



महाराष्ट्र में एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिए जाने वाली प्लास्टिक पर 23 जून की मध्य रात्रि से पाबंदी लागू हो रही है. इसके लिए मुंबई में जोरदार तैयारी की गई है. प्रतिबंधित प्लास्टिक के साथ पाये जाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए 250 इंस्पेक्टरों का विशेष दस्ता बनाया गया है. इसके अलावा वैकल्पिक सामानों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.  

वर्ली के एन.एस.सी.आई में आयोजित प्रदर्शनी के जरिये बीएमसी की कोशिश ये बताने की है कि प्लास्टिक के बिना भी जिंदगी जी जा सकती है. प्रदर्शनी के उद्घाटन के लिए नेताओं के साथ-साथ अभिनेता अजय देवगन और काजोल को भी बुलाया गया था. अजय देवगन ने जहां लोगों से प्लास्टिक मुक्ति के इस अभियान से जुड़ने की अपील की, वहीं काजोल ने भी अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए बैंक बैलेंस और मकान के साथ एक बेहतर दुनिया देने की अपील की.

तकरीबन 100 स्टॉलों में कागज के सुंदर मंडप,  कपड़ों की तरह-तरह की थैली से लेकर, सुपारी के प्लेट, चम्मच, ग्लास और डब्बों के साथ कागज के स्ट्रा तक उपलब्ध हैं. एक चम्मच तो ऐसा भी था, जिससे खाना खाने के बाद उसे भी खाया जा सकता है. अनाज से बने चम्मच सादे और चोकलेट जैसे अलग-अलग स्वाद में उपलब्ध हैं. 

प्लास्टिक पर पाबंदी की बात सुन सबसे पहला सवाल उठता है कि बारीश में कैसे काम चलेगा? तो इसका जवाब है स्टार्च से बनी थैलियां. बायो ग्रीन के सीईओ मोहम्मद सादिक ने बताया कि फल और सब्जियों के स्टार्च से बनी थैलियां वाटर प्रूफ और पर्यावरण के अनुकूल भी हैं. हालांकि इसके बाद भी कुछ सवाल हैं जिनके जवाब अभी मिलने बाकी हैं. मसलन तरल पदार्थ के खुदरा विक्रेता क्या करें? ऐसे व्यापारी प्रदर्शनी में अपना जवाब ना परेशान दिखे.

लेकिन बात पर्यावरण की है. इसलिए  सरकार अपने फैसले पर अडिग है. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि 23 जून से प्लास्टिक पर पाबंदी हर हाल में लागू होगी. पाबंदी प्रभावी तरीके से लागू हो इसलिए बी एम सी ने 250 इंस्पेक्टरोंका खास दस्ता बनाया है, जो 24 जून से प्रतिबंधित प्लास्टिक के साथ पाये जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

पहली बार पकड़े जाने पर 5000 रुपया तो दूसरी बार 10 हजार और  तीसरी बार पकड़े जाने पर 25 हजार रुपया और तीन महीने की सजा का प्रावधान है. कोशिश पूरी तरह से प्लास्टिक उन्मूलन की है. 

इनके इस्तेमाल पर पाबंदी :
- सभी तरह की प्लास्टिक की थैलियां
- प्लास्टिक के ग्लास, कप , कटोरी प्लेट, चम्मच
- थर्मोकोल की प्लेट और ग्लास डेकोरेशन के लिए भी इस्तेमाल नहीं की जा सकती

इनके इस्तेमाल पर पाबंदी नहीं :

- अस्पताल में इस्तमाल होने वाले प्लास्टिक के उपकरण, सलाईन, बोतल और दवाईयों के पैकेट.
- प्लास्टिक की पेन, दूध, रेनकोट , खेती और नर्सरी के काम में इस्तेमाल होने वाले सामान रखने के लिए
- अनाज रखने के लिए भी 50 माइक्रोन से ज्यादा की प्लास्टिक की थैली.
- टीवी , फ्रिज ,कंप्यूटर जैसे सामानों को पैक करने के लिए भी प्लास्टिक और थर्मोकोल के इस्तेमाल जारी रहेंगे.
- बिस्कुट, चिप्स और नमकीन के मल्टीलेयर प्लास्टिक पाउच, दूध की थैली, आधा लीटर की पानी की बोतल.

Friday, June 22, 2018

June 22, 2018

डिजिटल इंडिया में 25% वयस्क ही करते है इंटरनेट का उपयोग


डिजिटल इंडिया को लेकर भारत सरकार और तमाम प्राइवेट कंपनियों की जोर आजमाइश के बावजूद 2017 में देश में केवल एक चौथाई लोगों ने इंटरनेट का प्रयोग किया. प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है. अध्ययन में पता चला कि भारत दुनिया में सबसे कम इंटरनेट उपयोग करने वाले देशों में से एक है.
37 देशों की लिस्ट में दक्षिण कोरिया पहले स्थान पर है. दक्षिण कोरिया में 96 फीसदी एडल्ट इंटरनेट का उपयोग करते हैं. जारी नतीजों के मुताबिक, दुनिया में ज्यादातर देश इंटरनेट का प्रयोग करते हैं, जबकि उप सहारा अफ्रीका और भारत इस मामले में पीछे है.
भारत में वयस्कों के पास स्मार्टफोन रखने की दर 2013 में 12 फीसदी थी जो 2017 में बढ़कर 22 फीसदी हो गई, जबकि इस अवधि के दौरान सोशल मीडिया का प्रयोग आठ से बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच गया.
इसका मतलब, भारत में 78 फीसदी एडल्ट्स के पास स्मार्टफोन नहीं है और देश की अधिकांश 80 फीसदी आबादी को फेसबुक और ट्विटर की कोई जानकारी नहीं है.
इंटरनेट की पहुंच दर इंटरनेट उपयोग या फिर स्मार्टफोन रखने वाले लोगों द्वारा मापी जाती है. ये दर उत्तरी अमेरिका और यूरोप के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ एशिया-प्रशांत के कुछ हिस्सों में भी ज्यादा रहती है.
वहीं ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, स्वीडन, कनाडा, अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन में लगभग नौ से 10 फीसदी लोग ही इंटरनेट का उपयोग करते हैं. क्षेत्रीय रूप से उप-सहारा अफ्रीका दुनिया के सबसे कम इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में से एक है.

Thursday, June 21, 2018

June 21, 2018

Reliance Jio , अब रोजाना देगा 6.5 GB डाटा



सस्ते और किफायती प्लान पेश कर टेलीकॉम इंडस्ट्री में धमाका मचाने वाले रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने अपने यूजर्स को बंपर फायदा देने के लिए एक प्लान को अपडेट किया है. अगर आपको भी प्रतिदिन ज्यादा इंटरनेट डाटा की जरूरत पड़ती है तो यह प्लान आपके लिए काफी अच्छा हो सकता है. आपको बता दें कि हाल ही में एयरटेल और बीएसएनएल ने अपने प्लान अपडेट किए हैं, जिसके बाद जियो ने भी अपने प्लान्स को अपडेट किया है. पिछले दिनों रिलायंस जियो ने अपने हर प्लान में रोजाना 1.5 GB ज्यादा डाटा देने की पेशकश की है.

Saturday, June 16, 2018

June 16, 2018

बिना आधार के भी ले सकेंगे मोबाइल सिम, बस देना होगा ये खास नंबर



मोबाइल सिम लेने वाले ग्राहक इस वर्ष पहली जुलाई से अपने आधार कार्ड के बदले वचरुअल आइडी का उपयोग कर सकेंगे। वर्चुअल आइडी के तहत ग्राहक को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) की तरफ से ही 16-अंकों का खास नंबर जारी किया जाएगा।

Tuesday, June 12, 2018

June 12, 2018

एक्सिडेन्ट के 48 घंटो के अंदर आपको गुजरात सरकार से मिलेगीं 50,000/- कि सहायता



एक्सिडेन्ट घर के एक सदस्य को होता है लेकिन उसका परिणाम पुरे परिवार को भुगतना पडता है. उसमे भी घर के उत्तरदायी व्यक्ति का एक्सिडेन्ट मौत होती है तो पुरा परिवार मानसिक और आर्थिक तौर से निराधार हो जाता है.
June 12, 2018

अगर आपका मोबाइल बार-बार होता है हैंग तो ये 5 बातें ध्यान रखें



कई लोगों को बार-बार मोबाइल हैंग होने की प्रॉब्लम रहती है। लेकिन इके पीछे की वजह क्या है ये ज्यादातर लोग नहीं जान पाते हैं। अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इस प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है। आज इस वीडियो में हम आपको बताने जा रहे हैं मोबाइल को हैंग होने से बचाने के टिप्स...

Friday, June 8, 2018

June 08, 2018

आधार कार्ड की अपडेट डिटेल्स को अब कर पाएंगे डाउनलोड, जानिए



भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई ने एक नया फीचर जारी किया है। इस फीचर के तहत यूजर्स अपने आधार की अपडेट हिस्ट्री को डाउनलोड कर पाएंगे। यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने बतायाआधार अपडेट हिस्ट्री फीचर फिलहाल बीटा वर्जन में है। इसे अभी यूआईडीएआई की साइट से ही डाउनलोड किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस सुविधा से आम लोगों को काफी फायदा होगा। यूजर इस फीचर का इस्तेमाल नौकरी, स्कूल में दाखिला और दूसरी चीजों के लिए कर पाएंगे।

Monday, June 4, 2018

June 04, 2018

फेसबुक-वॉट्सऎप जैसे सोशल मीडिया पर अब रोजाना 3 रुपये 35 पैसे देने होंगे क्या है पुरा मामला जाने.


सोशल मीडिया का धड़ल्ले से इस्तेमाल करने वालों के लिए एक बुरी खबर है. अब सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर टैक्स लग गया है. टैक्स लगने से अब यूजर्स को रोजाना 0.05 डॉलर यानी 3 रुपए 35 पैसे चुकाने होंगे. हालांकि, ऐसा भारतीय यूजर्स के साथ नहीं हुआ है. लेकिन, युगांडा की संसद ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने वालों पर टैक्स लगाने के कानून को मंजूरी दे दी है. इस कानून के तहत जो लोग भी फेसबुक, वॉट्सएप, वाइबर और ट्विटर  जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें यह टैक्स चुकाना होगा. हालांकि, इस तरह के कानून बनने से यह कंट्रोवर्सी का मुद्दा बन गया है.

क्या है पूरा मामला?

युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी ने इस कानून का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून इसलिए लागू किया जा रहा है ताकि सोशल मीडिया पर बेवजह बढ़ती गॉसिप और अफवाहों को रोका जा सके. यह कानून 1 जुलाई से लागू होगा. लेकिन इसे किस तरह से लागू किया जाएगा, इस बात को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. नई एक्साइज ड्यूटी बिल में कई और तरह के टैक्स भी हैं जिसमें कुल मोबाइल मनी ट्रांजेक्शन में अलग से 1 फीसदी का टैक्स देना होता है.

किन लोगो पे होगा ज्यादा असर ?

मोबाइल ट्रांजैक्शन पर लगने वाले टैक्स से सबसे ज्यादा नुकसान युगांडा के गरीब वर्ग का होगा. क्योंकि, गरीब वर्ग बहुत बैंकिंग सर्विस जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं. उस पर यह सोशल मीडिया टैक्स से दोगुना भार पड़ सकता है

टेक्स लगाने कि वजह क्या है

युगांडा के वित्त मंत्री डेविड बहाटी ने संसद में कहा कि यह बढ़े हुए टैक्स युगांडा के राष्ट्रीय कर्ज़ को कम करने के लिए लगाए गए हैं. हालांकि, विशेषज्ञों और कुछ इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ने सोशल मीडिया पर लगाए जाने वाले इस टैक्स और इसे रोजाना लागू कैसे किया जाएगा, इस पर सवाल उठाए हैं. इससे पहले ही युगांडा सरकार मोबाइल सिम कार्ड्स के रजिस्ट्रेशन के मुद्दे पर जूझ रही है. 

कैसे पता लगेगा कौन कर रहा है इस्तेमाल?

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, युगांडा में 2.3 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स हैं, जिनमें से केवल 1.7 करोड़ ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, अब तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि अधिकारी ये कैसे पता करेंगे कि कौन सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है और कौन नहीं.

इंटरनेट का कम होगा इस्तेमाल

राष्ट्रपति मुसेवनी ने मार्च में ही इस कानून को लागू करने की वकालत शुरू कर दी थी. उन्होंने वित्त मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने लिखा था कि सोशल मीडिया पर टैक्स लगाना देश हित में होगा और इससे अफवाहों से उबरने में भी मदद मिलेगी. लेकिन, उनकी ओर से जवाब में कहा गया था कि सोशल मीडिया पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए. क्योंकि, इसका इस्तेमाल शिक्षा और रिसर्च के लिए किया जाता है. आलोचकों का कहना कि यह कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करेगा लेकिन, मुसेवनी ने इन सभी कयासों को यह कहकर दरकिनार कर दिया था कि इससे लोग इंटरनेट का कम इस्तेमाल करेंगे.

पहले भी लगी थी सोशल मीडिया पर रोक

रॉयटर्स को मार्च में दिए एक इंटरव्यू के दौरान राष्ट्रपति मुसेवनी ने कहा था कि हम देश की सुरक्षा के लिए फंड की तलाश में हैं. ऐसे फंड से देश में बिजली की समस्या से भी निजात मिलेगी. ज्यादा बिजली मिलने से लोग सोशल मीडिया का ज्यादा आनंद ले सकेंगे. सोशल मीडिया देश की राजनीति में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए अहम हिस्सा है. 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इसके इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी. मुसेवनी के मुताबिक, ऐसा अफवाहों को रोकने के लिए किया गया था.


Friday, June 1, 2018

June 01, 2018

प्ले स्टोर से Kimbho एप गायब होने के बाद अब सामने आया पतंजलि का बयान


योगगुरु रामदेव ने बुधवार को व्हाट्सएप के जवाब में किम्भो एप उतारा था और कुछ घंटे में ही इस एप को गूगल के प्ले स्टोर से हटा दिया गया. एप को लेकर कई सेक्योरिटी एक्सपर्ट ने दावा किया कि इसमें यूजर्स के डेटा की सिक्योरिटी को लेकर कई बड़ी गड़बड़ियां है और डेटा में आसानी से सेंध लगाई जा सकती है. अब इस विवाद पर पतंजलि का बयान सामने आया है.


पतंजलि की सफाई

इस एप के प्ले स्टोरे से अचानक गायब होने की कोई वजह सामने नहीं आई थी. अब तमाम विवादों के बाद रामदेव की कंपनी पतंजलि की ओर से बयान आया है. पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एसके तीजरवाला ने बताया, ''किम्भो का ट्रायल वर्जन उतारा गया था और अब इसे अब प्ले स्टोर और एप स्टोर से हटा लिया गया है.'' तीजरवाला ने दावा किया है कि तीन घंटे तक इस एप को 1.5 लाख लोगों ने डाउनलोड किया था.