योगगुरु रामदेव ने बुधवार
को व्हाट्सएप के जवाब में किम्भो एप उतारा था और कुछ घंटे में ही इस एप को गूगल के
प्ले स्टोर से हटा दिया गया. एप को लेकर कई सेक्योरिटी एक्सपर्ट ने दावा किया कि
इसमें यूजर्स के डेटा की सिक्योरिटी को लेकर कई बड़ी गड़बड़ियां है और डेटा में
आसानी से सेंध लगाई जा सकती है. अब इस विवाद पर पतंजलि का बयान सामने आया है.
पतंजलि की सफाई
इस एप के प्ले स्टोरे से अचानक गायब होने की कोई वजह सामने नहीं आई थी. अब तमाम विवादों के बाद रामदेव की कंपनी पतंजलि की ओर से बयान आया है. पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एसके तीजरवाला ने बताया, ''किम्भो का ट्रायल वर्जन उतारा गया था और अब इसे अब प्ले स्टोर और एप स्टोर से हटा लिया गया है.'' तीजरवाला ने दावा किया है कि तीन घंटे तक इस एप को 1.5 लाख लोगों ने डाउनलोड किया था.
पतंजलि के प्रवक्ता ने आगे कहा है कि इस एप को औपचारिक रुप से जल्द लॉन्च किया जाएगा. टेक्निकल टीम इस पर काम कर रही है. हालांकि तय तारीख पर कोई जानकारी नहीं दी गई.
साइबर एक्सपर्ट ने बताया था 'सेक्योरिटी डिजास्टर'
फ्रेंच सेक्योरिटी रिसर्चर एलिओट एल्डरसन ने रामदेव के इस एप में यूजर के डेटा सेक्योरिटी को लेकर बड़ी चिंता जताई थी. व्हाट्सएप को देश में टक्कर देने के दावे के साथ उतारे गए किम्भो एप को रिसर्चर ने 'सेक्योरिटी डिजास्टर' बताया.
एलिओट एल्डरसन ने ट्वीट किया, ' किम्भो एप एक मजाक है, अगली बाद किसी भी ऐलान से पहले कंपनी एक बेहतर डेवलपर नियुक्त करे. इस एप को इस्टॉल ना करें.' उन्होंने अगले ट्वीट में दावा किया कि किम्भो एप बोलो एप जैसा हूबहू दिखता है. दोनों ही एप के प्ले स्टोर में स्क्रीनशॉट बिलकुल एक जैसे हैं.
क्या है
किम्भो का मतलब
किंभो एक संस्कृत का शब्द है जिसका मतलब है What’s New या How are you. इस
मैसेजिंग एप का लोगो व्हाट्सएप को ही थोड़े हेर-फेर के साथ डिजाइन किया हुआ लगता
है.
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