बेहद कम लोगों को यह बात मालूम होगी कि ब्लैक बॉक्स क्या होता है? जिन्हें यह मालूम है कि ये क्या चीज है, हो सकता है उन्हें ये पता नहि कि लाल रंग होने के बावजूद ये ब्लैक बॉक्स क्यों कहलाता है..? दरअसल इसके पीछे कई रोचक कारण छुपे हुए हैं। इन्हें जानकर आपको ताज्जुब तो होगा ही साथ में आपका ज्ञानवर्धन भी होगा...
मगर आगे बढ़ने से पहले आपको बताना चाहेंगे कि हम आपको ये जानकारी इसलिए देना चाहते हैं क्योंकि ये जानना जरूरी है कि ब्लैक बॉक्स क्या है जिससे दुर्घटना के कारण का पता चल जाता है।
दरअसल, ब्लैक बॉक्स या फ्लाइट रिकार्डर किस तरह काम करता है ? यह विमान की पल-पल की जानकारी रखता है। यह किसी भी विमान में उड़ान के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों को बारीकी से रिकॉर्ड करने वाला उपकरण है। यह वायुयान में पिछले हिस्से फिट होता है। बताना चाहेंगे कि विमान में लगा 'ब्लैक बॉक्स' क्यों प्लेन क्रैश के बावजूद सही सलामत बच जाता है। दरअसल, यह टाइटेनियम का बना होता है जो काफी मजबूत धातु मानी जाती है। ब्लैक बॉक्स को टाइटेनियम के एक डिब्बे में बंद करके रखा जाता है। इसी कारण अगर ब्लैक बॉक्स काफी ऊंचाई से गिरता है य तो भी उसे नुकसान नहीं पहुंचता।
कैसे हुई ब्लैक बॉक्स की खौज:
साल 1953-54 में हवाई हादसों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए विमान बनाने वाली कंपनियों ने विमान में ऐसे उपकरण लगाने की बात की जो हादसों के सही कारण को बता सके ताकि भविष्य में हादसों से सीख कर बचा जा सके। इसके लिए ब्लैक बॉक्स का आविष्कार किया गया। ब्लैक बॉक्स का रंग लाल होता है इसलिए शुरुआत में इसे 'रेड एग' कहते थे। लेकिन बाद में इसका नाम ब्लैक बॉक्स पड़ गया। दरअसल, ब्लैक बॉक्स की भीतरी दीवार को काला रखा जाता था शायद इसीलिए...
फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर:
इसमें विमान की दिशा, ऊंचाई , ईंधन कितना है, गति, हलचल, केबिन का तापमान इत्यादि सहित 88 प्रकार के आंकड़े रिकॉर्ड होते हैं। यह 25 घंटों से अधिक की रिकार्डेड जानकारी एकत्रित रखता है। ब्लैक बॉक्स 11000°C के तापमान को एक घंटे तक झेल सकता है और उसके भीतर लगा यंत्र 260°C के तापमान को 10 घंटे तक सहन कर सकता है
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कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर:ब्लैक बॉक्स में लगा यह रिकार्डर फ्लाइट की उड़ान के 2 घंटे के समय की आवाज रिकार्ड करता है। यह इंजन की आवाज, आपातकालीन अलार्म की आवाज, केबिन की आवाज और कॉकपिट की आवाज और फ्लाइट कंट्रोल के बीच की बातचीत रिकार्ड करता है। ताकि पता चल सके हादसे के पहले विमान का माहौल कैसा था।
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कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर:ब्लैक बॉक्स में लगा यह रिकार्डर फ्लाइट की उड़ान के 2 घंटे के समय की आवाज रिकार्ड करता है। यह इंजन की आवाज, आपातकालीन अलार्म की आवाज, केबिन की आवाज और कॉकपिट की आवाज और फ्लाइट कंट्रोल के बीच की बातचीत रिकार्ड करता है। ताकि पता चल सके हादसे के पहले विमान का माहौल कैसा था।
कैसे खोजते हैं ब्लैक बॉक्स
ब्लैक बॉक्स 30 दिनो तक बिना विद्युत के काम कर सकता है। जब यह विमान से अलग होता है तो प्रत्येक सेकंड एक बीप की आवाज/तरंग निकालता है। यह तरंग 30 दिनों तक निकलती है। जिसे खोजी दल 2 से 3 किलोमीटर की परिधि में आसानी से खोज सकते हैं। 15000 फीट गहरे समुंदर में से भी यह तरंगें भेजता रहता है।
ब्लैक बॉक्स 30 दिनो तक बिना विद्युत के काम कर सकता है। जब यह विमान से अलग होता है तो प्रत्येक सेकंड एक बीप की आवाज/तरंग निकालता है। यह तरंग 30 दिनों तक निकलती है। जिसे खोजी दल 2 से 3 किलोमीटर की परिधि में आसानी से खोज सकते हैं। 15000 फीट गहरे समुंदर में से भी यह तरंगें भेजता रहता है।
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