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Saturday, October 13, 2018

October 13, 2018

पांचवी फेल तांगे वाले से MDH मसालों तक का सफ़र dharampal gulati success story .


किसी भी दुनियां का बेताज बादशाह बनना कोई आम बात नही है. इसके पीछे कड़ी महनत, कड़ा संघर्ष और ख़राब अनुभव होता है और जब बात हो दुनियां भर के रसोई घरो की तो उस बादशाही को बरकरार रखना और भी मुश्किल हो जाता है. 68 साल पहले बनी एक कंपनी हमारे खाने के स्वाद का ख्याल रखती है. ये कंपनी 60 से भी अधिक तरह के मसाले तैयार करती है और उसका दुनियां के कई देशो में निर्यात करती है. अब आप समझ ही गए होगे कि हम बात कर रहे है MDH कंपनी की जिसके मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी/ dharampal gulati को मसालों की दुनियां का बेताज बादशाह कहा जाता है.
भारत में रह कर शायद ही आपने इनके बनाये मसालों का स्वाद ना चखा हो. जाने अनजाने ही सही अपने जरुर धर्मपाल जी के मसाले अपने खाने में इस्तेमाल किये होंगें. लेकिन यहाँ तक पहुचने के लिए धर्मपाल जी को सालो नही बल्कि पूरी जिंदगी लग गई. आइये थोडा और विस्तार से जानते है उनकी इस रोचक और मसालेदार जिंदगी के बारे में.

धर्मपाल गुलाटी की सफलता की कहानी DHARAMPAL GULATI BIOGRAPHY IN HINDI

महाशय धर्मपाल गुलाटी जी का जन्म 27 मार्च 1923 को सियालकोट में हुआ था. सियालकोट अब पाकिस्तान में है. उनका परिवार बेहद सामान्य परिवार था. पिता का नाम महाशय चुन्नीलाल और माता का नाम चनन देवी था जिनके नाम पर दिल्ली  के जनकपुरी में चनन देवी हॉस्पिटल भी है. धर्मपाल जी का पढाई- लिखाई में बिलकुल भी मन नही लगता था जबकि उनके पिता जी चाहते थे कि वह खूब पढ़े.
लेकिन ये बात उनके पिता जी समझ चुके थे कि dharampal  जी का मन अब आगे पढने का नही है जैसे तैसे उन्होंने चौथी कक्षा पास की और पांचवी में वह फेल हो गए और स्कूल छोड़ दिया. इसके बाद उनके पिता जी ने उन्हें एक बढई की दुकान पर काम सिखने के लिए लगा दिया.  लेकिन धर्मपाल जी का मन नही लगा और उन्होंने वो काम भी नही सीखा. 15 वर्ष की अपनी जिंदगी में वो 50 काम कर चुके थे. उन दिनों सियालकोट लाल मिर्च के बाज़ार के लिए जाना जाता था तो उनके पिता ने उन्हें एक मसाले की दुकान खुलवा दी. धीरे धीरे काम अच्छा हो गया और खुब चलने लगा लेकिन तब तक भारत अपनी आज़ादी के लड़ाई के करीब पहुँच गया था और भारत पाकिस्तान का विभाजन उनके लिए एक बड़ी समस्या बन गया.
आज़ादी के लड़ाई के बाद सियालकोट पाकिस्तान के हिस्से चला गया और dharampal  जी के परिवार का वहां रह पाना मुश्किल हो गया. लिहाजा वह सब कुछ छोड़ छाड़ कर दिल्ली के करोलबाग में अपने एक रिश्तेदार के यहाँ रहने लगे. अपना घर बार और रोजगार छोड़ कर वह दिल्ली आये तो उनकी जेब में 1500 रूपये थे. दिल्ली में कोई रोजागर न होने के कारण उन्होंने जैसे-तैसे एक तांगा ख़रीदा और वो चलाने लगे हालाकि इसमें भी उनका मन नही लगा और 2 महीने तांगा चलाने के बाद वो भी छोड़ दिया.
अब धर्मपाल जी एक बार फिर बेरोजगार हो गए. इसी बीच उनके मन में मसाले बनाने का ख्याल आया जिसमे उनका मन लगता था और उन्होंने अपना काम करने की सोची. वह बाहर से सूखे मसाले खरीदते, उन्हें घर पर पिसते और बाज़ार में बेचते. धीरे धीरे काम बढ़ने लगा. क्योकि उनकी ईमानदारी मसालों को गुणवत्ता को बनाये रखा था.  अब मसाले पिसने का काम घर पर करना मुश्किल होने लगा तो उन्होंने बाज़ार से मसाले पिसवाना शुरू किया लेकिन मसाला पिसने वाला उनके मसाले में मिलावट करने लगा  जिससे  धर्मपाल जी को बहुत दुख हुआ. अब उन्होंने खुद मसाला पिसने की फैक्ट्री लगाने की सोची और दिल्ली के कीर्तिनगर में अपनी पहली मसाला फैक्ट्री शुरू की. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड कर नही देखा. और MDH एक ब्रांड बना और धर्मपाल जी आज उसकी पहचान है
आज रसोई घर में हम धर्मपाल जी की फैलाई खुशबु महसूस करते है और उनके बनाये मसाले के स्वाद से भी वाकिफ है  इनकी जिंदगी को जान कर यही लगता है कि दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के दम पर आदमी कुछ भी कर सकता है
October 13, 2018

जानिये स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के बारे में सब कुछ


आज हम आपको स्टॉक और शेयर मार्किट के बारे मे सभी बेसिक जानकारी बड़े ही सरल शब्दों मे बतायेंगे. आपने स्टॉक मार्केट के बारे में सुना तो होगा ही लेकिन क्या आप जानते है ये स्टॉक मार्केट क्या है और कैसे काम करती है. साथ ही साथ IPO, DEMAT ACCOUNT, TRADING ACCOUNT, BSE, NSE, SENSEX, NIFTY, DIVIDEND, CAPITAL APPRECIATION के बारे मे भी हम आपको बतायेंगे.



ABCD OF STOCK MARKET स्टॉक मार्केट की बेसिक जानकारी.

किसी कंपनी को अपना बिजनेस बढ़ाने और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यो को पूरा करने के लिये पैसो की जरूरत होती है. ये पैसा या तो कंपनी उधार लेती है जिसे डेब्ट फाईनेंसिंग (debt financing) कहते है. ये पैसा उन्हें किसी बैंक से मिल सकता है, लेकिन इस पैसे को जब वे उस बैंक को वापिस करते है तो उन्हें इसपर ब्याज देना होता है. पैसा उठाने का एक और माध्यम है इक्विटी फाईनेंसिंग (equity financing). स्टॉक मार्किट से पैसा उठाना इसी के अंतर्गत आता है. स्टॉक मार्किट से पैसा उठाना यानि के लोगो से पैसा लेना. इस माध्यम से ना तो कंपनी को लोगो को पैसा वापिस देना पड़ता है ना ही उन्हें लोगो को कोई ब्याज देना पड़ता है. इसके बदले कंपनी निवेशको को अपनी कंपनी मे हिस्सेदारी देती है और उन्हें अपने साथ भागीदार बना लेती है. पैसा लगाने वाले लोग स्टॉक मार्किट से कंपनी के शेयर खरीदते है और कंपनी के लाभ और हानि के हिस्सेदार बन जाते है. इस प्रकार स्टॉक मार्किट किसी भी कंपनी के लिये एक ऐसा माध्यम बन जाता है जहा से वे पैसा उठा सकते है.

WHAT IS SHARE MARKET AND HOW IT WORKS शेयर मार्केट क्या है और ये कैसे काम करती है 

स्टॉक मार्केट को ही शेयर मार्केट कहते है, कंपनी के शेयरों के अतिरिक्त यहाँ बांड्स, म्यूच्यूअल फंड्स का भी व्यापार होता है.

शेयर मार्केट दो तरह के होते है TYPES OF SHARE MARKET

  •  प्राइमरी शेयर मार्केट PRIMARY SHARE MARKET


इस मार्केट मे कंपनी पैसा उठाती है, अपने आपको शेयर बेचने के लिये स्टॉक एक्सचेंज मे रजिस्टर करवाती है.जब कंपनी पहली बार लोगो से पैसा उठाती है तो उसे IPO (INITIAL PUBLIC OFFERING) कहा जाता है. IPO के वक्त कंपनी को अपने बिजनेस, स्टॉक्स के दामो, प्रमोटर्स और फाइनेंशियल जानकारी प्रदान करनी पड़ती है. इसमे लेनदेन सीधे कंपनी और लोगो के बीच होता है. लोगो द्वारा कंपनी के जीतने शेयर ख़रीदे जाते है उसी अनुपात मे उन्हें कंपनी की भागीदारी भी मिलती है. 

  • सेकेंडरी शेयर मार्केट SECONDARY SHARE MARKET


इस मार्किट में लोग अपने शेयर खरीदते और बेचते है.IPO मे सिर्फ कंपनी से शेयर खरीदे जा सकते है उन्हें बेचने के लिये ये जरूरी है की पहले वो स्टॉक स्टॉक एक्सचेंज मे लिस्ट हो जाये. IPO मे जब सभी शेयरों का आबंटन हो जाता है तो कुछ दिन बाद ही वो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाता है. स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद आप IPO में खरीदे हुए शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर बेच सकते हो. यहाँ आप चाहे तो दूसरे इच्छुक निवेशक जो कंपनी मे हिस्सेदार बनना चाहते है उनको अपने शेयर बेच सकते है. स्टॉक एक्सचेंज मे ख़रीदे और बेचे हुये शेयरो मे कंपनी शामिल नहीं होती, यहाँ लोग अपने शेयरो को खरीदते और बेचते है. आम तौर पर, ये लेनदेन ब्रोकर के माध्यम से किए जाते हैं.

DEMAT ACCOUNT & TRADING ACCOUNT

शेयरो को खरीदने और बेचने का सारा काम ऑनलाइन ही होता है. IPO हो  या चाहे स्टॉक एक्सचेंज दोनों मे शेयर खरीदने के लिये आपको किसी स्टॉक ब्रोकरेज फर्म के साथ DEMAT अकाउंट खोलना होगा, स्टॉक मार्केट मे निवेश करने के लिये DEMAT ACCOUNT और TRADING ACCOUNT होना जरूरी होता है. स्टॉक ब्रोकरेज फर्म मध्यस्थ होते है और इनके सहारे शयरो को बेचा और ख़रीदा जा सकता है. ख़रीदे गये शेयर DEMAT ACCOUNT मे आते है, यहाँ से आप शेयरों को खरीद और बेच नहीं सकते. शेयरों को खरीदने और बेचने के लिये TRADING ACCOUNT की जरूरत होती है. खरीदने के बाद ये शेयर DEMAT ACCOUNT मे चले जाते है. जब आप DEMAT ACCOUNT खोलते है तो साथ ही में TRADING ACCOUNT भी खुल जाता है. इन्हें खुलवाने के लिये कुछ डाक्यूमेंट्स लगते है जैसे की आधार कार्ड या वोटर आईडी, पेन कार्ड, कैंसिल चेक या बैंक पासबुक की कॉपी. 

NSE & BSE 

ये दोनों भारत के मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है. NSE (NATIONAL STOCK EXCHANGE) और BSE (BOMBAY STOCK EXCHANGE). निवेशक अपने शेयरो की खरीद और बिक्री यही करते है. BSE मे NSE से ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे लगभग 5000 कंपनिया लिस्टेड है जबकि NSE मे 1500 से ज्यदा कंपनिया लिस्टेड है. स्टॉक एक्सचेंज मे लिस्टेड सभी कंपनियां या तो BSE या तो NSE मे लिस्टेड है. 
स्टॉक मार्केट का पूरा प्रदर्शन आमतौर पर विभिन्न स्टॉक मार्केट इंडेक्स (निर्देशांक) के प्रदर्शन में ट्रैक और प्रतिबिंबित होता है। स्टॉक इंडेक्स स्टॉक के चयन से बना है जो यह दर्शाता है कि समग्र रूप से शेयर कैसे प्रदर्शन कर रहे हैं। चूंकि हजारों कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध हैं, इसलिए एक समय में बाजार प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए प्रत्येक स्टॉक को ट्रैक करना वाकई मुश्किल है। इसलिए, एक छोटा सा नमूना लिया जाता है जो पूरे बाजार का प्रतिनिधि होता है। इस छोटे नमूने को इंडेक्स कहा जाता है
स्टॉक मार्केट के दो प्रमुख इंडेक्स
ये दो प्रमुख इंडेक्स SENSEX और NIFTY है. सेंसेक्स BSE का इंडेक्स है और NIFTY NSE का. सेंसेक्स  को BSE 30 भी कहा जाता है, ये इंडेक्स अपने अपने सेक्टर की प्रमुख रूप से स्थापित 30 प्रमुख कंपनियों से बना है. वही NIFTY को NIFTY 50 भी कहते है, इसमें अपने अपने क्षेत्रो की बेहतर और अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियां शामिल है.
NIFTY और SENSEX के परफॉरमेंस से स्टॉक मार्केट के हाल को जाना जा सकता है. जैसे मान लीजिये की आज सेंसेक्स या निफ्टी 28000 है और अगले दिन बढ़कर ये 2850 हो जाये तो हम कहते है की स्टॉक मार्किट का प्रदर्शन अच्छा है और शेयरो के दाम बढ़ गये लेकिन यदि अगले दिन ये घट कर 2750 हो जाये तो इसका मतलब की कंपनियों की स्थिति अच्छी नहीं है और शेयर के दाम घट गये.

स्टॉक मार्केट में निवेशक किस तरह लाभ कमाते है.  HOW INVESTORS EARN IN SHARE MARKET OR STOCK MARKET

स्टॉक मार्केट में निवेशक दो तरह से लाभ कमाते है, पहला DIVIDEND और दूसरा CAPITAL APPRECIATION. 

DIVIDEND

जब एक कंपनी द्वारा (आमतौर पर सालाना रूप से) अपने शेयरधारकों को अपने मुनाफे से नियमित रूप से एक हिस्सा दिया जाता है तो उसे DIVIDEND कहते है. वैसे शेयर धारको को DIVIDEND देना है या नहीं ये कंपनी की अपनी मर्जी पर आधारित होता है.

CAPITAL APPRECIATION

ये स्टॉक मार्किट में पैसा कमाने का मुख्य स्त्रोत होता है. जब किसी कंपनी के शेयर के दाम बढ़ जाते है तो उससे उसके निवेश का मूल्य भी बढ़ जाता है. मान लीजिये कि चार साल पहले आपने किसी कंपनी का शेयर 50 रूपए मे ख़रीदा और आज इस शेयर की कीमत 450 रूपए है तो आपके शेयर मे बढ़ी 400 रूपए की कींमत CAPITAL APPRECIATION कहलायेगी.

Thursday, October 11, 2018

October 11, 2018

जानिए क्यो मनाए जाते है नवरात्रि। क्या है नवरात्रो का दशहरे से संबंध

भारत मे कई सारे त्यौहार मनाए जाते है और हर त्यौहार की एक महान एतिहासिक पृष्ठभूमि होती है. इन्हीं त्यौहारो मे एक त्यौहार है नवरात्रि का त्यौहार. यह मुख्यत: हिन्दू त्यौहार है जो देवी शक्ति दुर्गा और उनके नौ रूपो  को समर्पित है. नवरात्रि जिसका अर्थ होता है ‘नौ राते’. इस त्यौहार के दौरान देवी शक्ति के नौ रूपो की पूजा की जाती है.  नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों – महालक्ष्मीमहासरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं।

हिन्दू कैलंडर के अनुसार नवरात्रि को वर्ष मे दो बार मनाया जाता है. इस त्यौहार की तिथियाँ चंद्र कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती हैं हालांकि, शक्ति की उपासना का पर्व “शारदीय नवरात्र” शरद ऋतु के आसपास और दशहरे से पहले बड़ी धूमधाम से मनाया मनाया जाता है.

क्यो मनाई जाती है नवरात्रि

अन्य पर्व की तरह इस पर्व की भी एतिहासिक पृष्ठभूमि है. इस पर्व से जुड़ी एक कथा के अनुसार देवी दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध किया था. महिषासुर को देवताओ से अजय होने का वरदान प्राप्त हुआ और उसने अपनी शक्ति का गलत उपयोग करना शुरू कर दिया. महिषासुर ने सभी देवताओ को तंग किया. अपनी शक्ति से उसने नरक का विस्तार स्वर्ग के द्वार तक कर दिया जिससे देवता भयभीत हो गए. महिषासुर ने स्वर्गलोक पर अधिकार कर लिया तथा सभी देवताओ को स्वर्ग से दूर पृथ्वी पर जाना पड़ा. महिषासुर के इस कृत्य से सभी देवता गुस्से मे आ गए और फिर सभी देवताओ ने मिलकर देवी दुर्गा की रचना की. महिषासुर का नाश करने के लिए सभी देवताओं ने अपने अपने अस्त्र शस्त्र देवी दुर्गा को दिए देवी दुर्गा ओर शक्तिशाली हो गईं। नौ दिन देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध हुआ और अंत मे देवी दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर दिया.

नवरात्रि के संबंध मे एक अन्य कथा भी प्रचलित है . जो नवरात्रि के दशहरे से संबंध को भी बताती है.

रावण के विरुद्ध युद्ध मे श्रीराम जी ने ब्रह्माजी के कहने से चंडी देवी को प्रसन्न करने के लिए हवन की व्यवस्था की जिसके लिए दुर्लभ एक सौ आठ नीलकमल का प्रबंध किया गया. अमरता की चाह मे रावण ने भी चंडी पूजा प्रारम्भ की.  रावण ने मायावी शक्ति से एक नीलकमल श्रीराम द्वारा आयोजित किए गए चंडी पूजन की हवन सामग्री से गायब कर दिया. जिससे श्रीराम के संकल्प टूटने और देवी के रुष्ट होने का भय था. तब भगवान राम को स्मरण हुआ कि मुझे लोग कमलनयन नवकंच लोचन  कहते हैं, तो क्यों न संकल्प पूरा करने के लिए एक नेत्र अर्पित कर दिया जाए और राम जैसे ही तूणीर से एक बाण निकालकर अपना नेत्र निकालने गए, तब देवी प्रकट हो गयी और श्रीराम से प्रसन्न हुई और उन्हे विजयश्री का आशीर्वाद दिया।

Tuesday, October 9, 2018

October 09, 2018

RTI अधिनियम क्या है और कैसे आप इस अधिकार का इस्तेमाल कर सकते है ?



मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ 2005 में एक अधिनियम लागू किया गया जिसे सुचना का अधिकार यानी RTI कहा गया. इसके अंतर्गत कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी ले सकता है बस शर्त यह है की RTI के तहत पूछी जाने वाली जानकारी तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए. यानि हम किसी सरकारी विभाग से उसके विचार नही पूछ सकते. जैसे आप के ईलाके में विकास के कामो के लिए कितने पैसे खर्च हुए है और कहाँ खर्च हुए है, आपके इलाके की राशन की दुकान में कब और कितना राशन आया, स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल में कितने पैसे खर्च हुए है जैसे सवाल आप Right to information act  के तहत पता कर सकते है.
ये तो है सुचना के अधिकार का मतलब   लेकिन अभी भी लोगो के पास सुचना के अधिकार को लेकर कई सवाल है. और उन सवालों को हम बहुत ही सरल तरीके से जवाब देने की कोशिश करेंगे.

RTI के क्या फायदा है

  • कोई भी नागरिक, किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकता है
  • ये अधिकार एक आम नागरिक के पास है जो सरकार के काम या प्रशासन में और भी पारदर्शिता लाने का काम करता है.
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम है.

RTI के तहत कैसी जानकारी मांगी जाए ? 

  • इस अधिकार का उपयोग हम किसी भी सरकारी विभाग की राय जानने के लिए नही कर सकते. इसका उपयोग हम तथ्यों की जानकारी पाने के लिए कर सकते है. जैसे, “डिस्पेंसरी में कितनी दवाइयां आती है, पार्क और साफ़ सफाई में कितना खर्च हुआ, किसी सरकारी दफ्तर में कितनी नियुक्तियां हुई?” इसके अलावा “ सड़क बनाने के लिए कितने पैसे आये और कहा पर खर्च हुए?”
  • सभी गवर्मेंट डिपार्टमेंट, प्रधानमंत्री, मुख्यमत्री, बिजली कंपनियां, बैंक, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, राष्ट्रपति, पुलिस, बिजली कंपनियां, RTI act के अन्दर आते है.
  • लोगो ने RTI के इस्तेमाल से कई ऐसी जानकारी हासिल की है जिससे उनकी रोजमर्रा की समस्याए सुलझ गई है.
  • सरकार की सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी या गोपनीय जानकारी इस अधिकार के अंतर्गत नही आती.

कैसे प्राप्त करे जानकारी?

  • हर सरकारी विभाग में जन सुचना अधिकारी होता है. आप अपने आवेदन पत्र उसके पास जमा करवा सकते है.
  • आवेदन पत्र का फॉर्मेट इन्टरनेट से डाउनलोड कर सकते है या फिर एक सफ़ेद कागज पर अपना आवेदन(एप्लीकेशन) लिख सकते है जिसमे जन सुचना अधिकारी आपकी मदद करेगा.
  • RTI की एप्लीकेशन आप किसी भी भारतीय भाषा जैसे हिंदी, इंग्लिश या किसी भी स्थानीय भाषा में दे सकते हैं
  • अपने आवेदन पत्र की फोटो कॉपी करवा कर जन सुचना अधिकारी से रिसीविंग जरुर ले ले.
  • https://rtionline.gov.in/  इस साईट पर जा कर केंद्र सरकार के किसी भी विभाग से जानकारी प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते है.
  • अगर आप दिल्ली के निवासी है तो आप दिल्ली सरकार की rti से जुडी जानकारी और RTI फॉर्म http://delhigovt.nic.in/rti में जानकार जान सकते है और download कर सकते है.
  • साथ ही RTI से जुडी सभी जानकारी और गाइडलाइन्स आप इस वेबसाइट में  https://rtionline.gov.in/guidelines.php?appeal जाकर देख सकते है.
कब मिलेगी जानकारी ?
  • आवेदन पत्र डालने के ३० दिन के अन्दर आपको जवाब मिल जाएगा
  • यदि ऐसा नही होता है तो आप कार्ट में अपील कर सकते है

फीस– FEE FOR RTI APPLICATION

  • किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र के साथ 10/- रूपये की फीस है
  • ये फीस गरीबी रेखा से नीचे के लोगो के लिए माफ़ है.
NOTE – भारत में सिर्फ जम्मू कश्मीर ही ऐसा राज्य है जहाँ आप rti का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
October 09, 2018

गूगल प्लस से 5 लाख यूजर्स का डाटा हुआ प्रभावित, बंद होगी सर्विस, जानें क्या है पूरा मामला



गूगल ने सोमवार को अपने सोशल नेटवर्क गूगल प्लस को बंद करने की घोषणा कर दी है। गूगल के प्रोजेक्ट स्ट्रोब द्वारा पाए गए विश्लेषण के अनुसार गूगल प्लस को बंद करने के पीछे का कारण यह है की गूगल अपने प्रोडक्ट को सफलतापूर्वक बढ़ा नहीं पाया। गूगल इस प्रोडक्ट को लेकर उपभोक्तओं की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। गूगल प्लस को बंद करने की खबरें तो काफी समय से आ रही थी, लेकिन फिर भारत में ही सही इस प्रोडक्ट को यूजर्स इस्तेमाल कर रहे थे। हालांकि, इस मामले की दो बड़ी बातें हैं जो सबसे ज्यादा ऑनलाइन यूजर्स को प्रभावित करती हैं।

गूगल ने ऐप्स को सीमित करने का निर्णय लिया:

यहां एक बड़ा बिंदु जीमेल का है। गूगल ने उन ऐप्स को सीमित करने का फैसला लिया है जो यूजर्स से डाटा इस्तेमाल करने के लिए परमिशन मांगती हैं। अब से जो ऐप्स सीधे ईमेल फंक्शन करने में जिम्मेदार हैं, वो ही डाटा एक्सेस कर पाएंगी। इससे एक बड़ा प्रश्न यह उठता है की क्या अब तक ये ऐप्स डाटा का गलत इस्तेमाल कर रही थीं? अन्यथा गूगल एप्स परमिशन से सम्बंधित इतना बड़ा कदम क्यों उठाएगा?

एक्सेस को सीमित किया:

यह मुद्दा कई वर्षों से चला आ रहा है। गूगल ने एंड्रॉइड ऐप्स को एसएमएस और कॉल लॉग्स का डाटा इस्तेमाल करने के लिए सीमित कर दिया है। इतने वर्षों से ये ऐप्स बिना जरुरत के इस तरह के डाटा को एक्सेस कर रही थीं। उदाहरण के लिए: टॉर्च ऐप को आपके कॉन्टैक्ट लिस्ट को एक्सेस करने की अनुमति क्यों चाहिए? यह मामला सिर्फ टॉर्च एप तक सीमित नहीं है, लगभग सभी ऐप्स के पास यूजर्स के कॉन्टैक्ट्स और एसएमएस को एक्सेस करनी की अनुमति है।

अब गूगल ने यह निर्णय लिया है की यूजर्स के पास यह अधिकार और विस्तृत रूप में होगा। यूजर्स यह निर्णय ले पाएंगे की वो कौन-सा डाटा ऐप्स के साथ शेयर करेंगे। हालांकि, इससे डाउनलोड प्रक्रिया थोड़ी लम्बी हो जाएगी। लेकिन इससे यूजर्स यह निर्धारित कर पाएंगे की उन्हें कौन-सा डाटा शेयर करना है।

अल्फाबेट इंक के गूगल ने कहा है कि एक बग से गूगल प्लस के पांच लाख यूजर अकाउंट प्रभावित हुए हैं। इससे यूजर्स का डाटा एक्सटर्नल डेवलपर्स के सामने उजागर होने का खतरा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने उपभोक्ताओं के लिए सोशल नेटवर्क को बंद करने का फैसला लिया है।

गूगल ने नियामक छानबीन के डर से इस मुद्दे को जाहिर नहीं करने का फैसला लिया है। अनाम सूत्रों और आंतरिक दस्तावेजों के हवाले से इस आशय की जानकारी वॉल स्ट्रीट जनरल ने दी है। फेसबुक डाटा लीक और अब गूगल प्लस की इस खबर के बाद यूजर्स को यह सोचना होगा की वो किसी भी तरह की सेवाओं पर आंख मूंद कर विश्वास ना करें। इंटरनेट के इस दौर में अब समय है की यूजर्स अपने डाटा की जिम्मेदारी खुद लें।

Wednesday, October 3, 2018

October 03, 2018

Honor 8X लॉन्च, 16 अक्टूबर को पहुंचेगा भारत



ऑनर अपना नया स्मार्टफोन Honor 8X भारत में लॉन्च करने के लिए तैयार है। हुवावे के सब-ब्रैंड ऑनर की आधिकारिक वेबसाइट के मुतबाकि, नई दिल्ली को 16 अक्टूबर को एक इवेंट में ऑनर 8एक्स लॉन्च किया जाएगा। वेबसाइट से यह भी खुलासा हुआ है कि Honor के इस मिड-रेंज फैबपलेट को दुबई, यूएई और मैड्रिड व स्पेन में मंगलवार को ग्लोबली लॉन्च कर दिया गया है। हैंडसेट को अक्टूबर में मलयेशिया, रूस, चेक रिपब्लिक और थाइलैंड में उपलब्ध कराया जाएगा। ऑनर 8एक्स को पिछले महीने चीन में ऑनर 8एक्स मैक्स के साथ लॉन्च किया गया था। ऑनर की ग्लोबल वेबसाइट से ऑनर 8एक्स के अलग-अलग बाजारों में पहुंचने की तारीख का पता चलता है। नई दिल्ली में 16 अक्टूबर को कंपनी एक इवेंट आयोजित कर रही है, जिसमें नया फैबलेट लॉन्च किया जाएगा। 

Honor 8X की कीमत व उपलब्धता 
चीन में ऑर 8एक्स के 4 जीबी रैम/64 जीबी स्टोरेज वेरियंट की कीमत 1,399 चीनी युआन (करीब 14,900 रुपये) है। 6 जीबी रैम/64 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज वेरियंट की कीमत 1,599 चीनी युआन (करीब 17,100 रुपये) जबकि 6 जीबी रैम/128 जीबी स्टोरेज वेरियंट की कीमत (करीब 20,300 रुपये) है। अभी ऑनर 8एक्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए कीमत व उपलब्धता का खुलासा नहीं किया गया है। 

Honor 8X के स्पेसिफिकेशन्स 
ऑनर 8एक्स में 6.5 इंच फुल एचडी+ डिस्प्ले है जिसका आस्पेक्ट रेशियो 19.5:9 है। स्क्रीन की पिक्सल डेनसिटी 397 पीपीआई है। हैंडसेट में हाईसिलिकॉन किरिन 710 प्रोसेसर है। 

फटॉग्रफी के लिए ऑनर 8एक्स में 20 मेगापिक्सल प्राइमरी व 2 मेगापि्कसल सेकंडरी सेटअप है। कैमरा अपर्चर एफ/1.8 और एलईडी फ्लैश के साथ आता है। सेल्फी और विडियो के लिए अपर्चर एफ/2.0 के साथ 16 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा दिया गया है। स्मार्टफोन को पावर देने के लिए 3750mAh बैटरी दी गई है।