अगर आप किसी कंपनी द्वारा सोलर पैनल का पूरा सिस्टम अपने घर पर लगवाते हैं तो इसमें आपको सिर्फ कंपनी को पैसे देने पड़ते हैं बाकी सारा काम कंपनी खुद करती है. लेकिन अगर आप खुद अपने घर पर सोलर पैनल लगाना चाहते हैं तो इससे आप Installation फीस बता सकते हैं. सोलर पैनल इंस्टॉल करने के लिए आपको इसके बारे में कुछ विशेष जानकारी होनी चाहिए. जो कि हम इस पोस्ट में आपको बताने वाले हैं.
इस पोस्ट में हम आपको ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के बारे में बताएंगे कि एक पूरा ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम आप कैसे खुद अपने घर पर लगा सकते हैं.सोलर पैनल को इंस्टॉल करने से पहले आपको कुछ आवश्यक सामग्री की जरूरत पड़ेगी जिनकी मदद से आप सोलर पैनल को अपने घर पर या अपने घर की छत पर लगाएंगे. इस सामग्री की सूची आपको नीचे दी गई है.
Mounting Structure
Mounting Structure पर हम अपने सोलर पैनल को सेट करते हैं लेकिन Mounting Structure को भी छत के ऊपर सेट करने के लिए आप Hole Fastener का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर Mounting Structure की टांगों पर आप कंक्रीट डाल कर उसे छत पर अच्छी मजबूती से सेट कर सकते हैं. लेकिन अगर आप कॉन्क्रीट डालकर उसे FIX करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको Mounting Structure को अपनी जरुरत के हिसाब से डिजाइन करना होगा.
मार्केट में आपको कई प्रकार के Mounting Structure देखने को मिलेंगे लेकिन आप को GI Mounting Structure बनवाना है क्योंकि इस पर किसी प्रकार का कोई जंग नहीं लगता. अगर आप लोहे का Mounting Structure लगवाते हैं तो उस पर जंग लग कर वह बहुत जल्दी खराब हो जाता है. अगर आप बहुत बढ़िया Mounting Structure लगवाना चाहते हैं तो आप इसे किसी Welding की Shop से बनवा कर लाए. और उसकी टांगें भी अपने हिसाब से बनवाएं अगर आपको कॉन्क्रीट डालकर इसे छत पर Fix करना है तो टांगों को थोड़ा बड़ा बनवाएं ताकि यह अच्छे से Fix हो सके.
कौन सा इनवर्टर खरीदना चाहिए
इन्वर्टर और बैटरियां आपको अपने घर में चल रहे लोड के अनुसार खरीदना होगा.मान लीजिए आपके घर में चलने वाला लोड 1000 Watt है. और जब सोलर पैनल से बिजली ना मिले और मेन सप्लाई से भी बिजली ना मिले तो आपको लोड कम से कम 3 घंटे तक चलाना है तो आपको कितनी बड़ी बैटरी चाहिए होगी इसकी जानकारी नीचे दी गई है.
Load = 1000 Watt.
Inverter Size = ?
Back Up Time For Batteries = 3 Hours
इन्वर्टर आपको VA की रेटिंग में मिलेगा इसीलिए हमें हमारे घर के टोटल लोड से 25% ज्यादा रेटिंग का इनवर्टर लेना होगा .
1000* (25/100) = 250
1000 + 250 = 1250
इस हिसाब से आपको 1250 VA का या उससे ज्यादा बढ़ा इनवर्टर खरीदना होगा .
इन्वर्टर की बैटरी कौन सी खरीदनी चाहिए
इनवर्टर की बाद में आपको बैटरी खरीदते समय भी अच्छे से ध्यान रखना होगा क्योंकि जब सोलर पैनल से सप्लाई नहीं आएगी तो आपको लोड बैटरी पर ही चलाना पड़ेगा. और जितनी ज्यादा Ah की बैटरी आप खरीदेंगे उतना ज्यादा बैटरी बैकअप आपको मिलेगा. इसके बारे में भी हमने एक पूरी डिटेल में पोस्ट बनाई है उसे आप पढ़ें जिससे आपको पूरी जानकारी हो जाएगी कि आपको कौन सी बैटरी लेनी चाहिए.
जैसा कि ऊपर हमने माना कि आपको 1000 Watt लोड 3 घंटे तक चलाना है तो आपको कितने Ah की बैटरी लगानी होगी.
इसका एक छोटा सा सूत्र होता है जिससे कि आप पता लगा सकते हैं कि आपको कितनी AH की बैटरी चाहिए.
बैटरी बैकअप = Ah X 12 V / 1000
3 = Ah X 12 /1000
3×1000 / 12 = Ah
250 = AH
तो इस हिसाब 1000 Watt लोड को चलाने के लिए आपको 250 Ah की बैटरी की आवश्यकता होगी. तो इसके लिए आप 150 Ah की दो बैटरियां खरीद लीजिए जिससे आपको 3 घंटे का बैटरी बैकअप मिल जाएगा क्योंकि ऊपर बताए गए सूत्र के अनुसार 3 घंटे में आपकी बैटरी बिल्कुल Discharge हो जाएगी तो बैटरी पूरी तरह से Discharge नए हो इसीलिए हमें 150 Ah की दो बैटरियां खरीदनी होगी.
बैटरियों कनेक्शन आपको इनवर्टर के हिसाब से करने होंगे अगर आपका इनवर्टर 24v पर काम करता है तो आपको बैटरियों के कनेक्शन Series में करने होंगे और अगर आपका इनवर्टर 12v पर काम करता है तो आपको दोनों बेटियों के कनेक्शन Parallel करने पड़ेंगे.
सोलर पैनल कौन सा खरीदना चाहिए
Monocrystalline और Polycrystalline में क्या अंतर है
सोलर पैनल दो प्रकार के होते हैं. Monocrystalline और Polycrystalline , इन दोनों में काफी अंतर होता है इसके बारे में पहले हमने बताया है आप वह पोस्ट जरूर देखें.Monocrystalline सोलर पैनल कम धूप में भी काम कर सकते हैं. जिस क्षेत्र में मौसम खराब रहता है,जहां पर ठंड ज्यादा पड़ती है या सूरज कम समय के लिए ही दिखाई देता है. उस क्षेत्र में Monocrystalline सोलर पैनल बहुत ही फायदेमंद होंगे. Polycrystallineसोलर पैनल कम धूप होने पर काफी कम पावर देती है इसीलिए Polycrystalline सोलर पैनल का इस्तेमाल ज्यादा धूप वाले रेगिस्तान वाले क्षेत्र में ज्यादा किया जाता है. जहां पर दिन के समय काफी ज्यादा धूप रहती है. तो इन दोनों में से आप अपने क्षेत्र के हिसाब से एक सोलर पैनल खरीद सकते हैं.
Assemble Solar Panels & Inverter
अब आपको सोलर पैनल को छत पर लगाना है जिसके लिए आप Mounting Structure का इस्तेमाल करेंगे. और इनवर्टर को बैटरियों के साथ रखेंगे. इनवर्टर को हमेशा किसी मेज पर रखें और बैटरियों को Battery Tray में रखें ताकि यह ज्यादा सुरक्षित रहे और धूल मिट्टी से बची रहे. नहीं तो आपको बैटरियों की लगातार सफाई करनी होगी.
कनेक्शन करे
कनेक्शन करते समय आपको अच्छे MC4 Connectors का इस्तेमाल करना होगा जिससे कि सोलर पैनल की तारे अपस में ज्यादा अच्छे से जुड़ सकेगी .सोलर पैनल से तार जोड़ने के बाद में इन्हें इनवर्टर तक ले कर आए और अगर आप सोलर इन्वर्टर पर इसे जोड़ना चाहते हैं तो तारों को सीधे इनवर्टर पर जोड़ दें और अगर आपने MPPT सोलर चार्ज कंट्रोलर का इस्तेमाल किया है तो तारों को सोलर चार्ज कंट्रोलर पर लगा दे. और फिर बैटरी की तारों को इनवर्टर पर लगा दे. और अगर आपने MPPT सोलर चार्ज कंट्रोलर का इस्तेमाल किया है तो बैटरी की तारों को इनवर्टर और MPPT सोलर चार्ज कंट्रोलर दोनों पर लगानी पड़ेगी.
सोलर पैनल और सोलर इनवर्टर के कनेक्शन
सोलर पैनल से आने वाली Positive तार को इनवर्टर पर दिए गए सोलर पैनल के Positive टर्मिनल पर लगाने हैं और Negative तार को Negative टर्मिनल पर लगानी है.
सोलर पैनल और MPPT सोलर चार्ज कंट्रोलर के कनेक्शन
अगर आपने MPPT सोलर चार्ज कंट्रोलर का इस्तेमाल किया है तो सोलर पैनल से आने वाली Positive तार को सोलर चार्ज कंट्रोलर पर दिए गए सोलर पैनल के Positive टर्मिनल पर लगाने हैं और Negative तार को Negative टर्मिनल पर लगानी है.
सोलर इनवर्टर और बैटरी के कनेक्शन
बैटरी से आने वाली Positive तार को इनवर्टर पर दिए गए बैटरी के Positive टर्मिनल पर लगाने हैं और Negative तार को Negative टर्मिनल पर लगानी है. और अगर आपने MPPT सोलर चार्ज कंट्रोलर का इस्तेमाल किया है तो समानांतर (Parallel ) बैटरी से आने वाली Positive तार को इनवर्टर पर दिए गए बैटरी के Positive टर्मिनल पर लगाने हैं और Negative तार को Negative टर्मिनल पर लगानी है.
कलेक्शन करते समय आपको विशेष ध्यान रखना है कि पॉजिटिव टर्मिनल हमेशा पॉजिटिव के साथ में ही जोड़ें नहीं तो आपका इनवर्टर खराब हो सकता है. सभी कनेक्शन होने के बाद में इनवर्टर की Main Input को सप्लाई के साथ में जोड़ दें. जब मेन सप्लाई उपलब्ध होगी तो आप के उपकरण मेन सप्लाई से चलेंगे और आपकी बैटरी भी चार्ज होगी और जब दिन के समय में सोलर पैनल से बिजली प्राप्त होगी उससे बैटरी चार्ज होगी और हमारे घर के उपकरण चलेंगे.
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