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Wednesday, August 15, 2018

भारत में पहली बार, कैसे कब आईं ये 10 चीजें जिन्होंने बदल दी भारतवासियों की जिंदगी


अपने देश को आजाद हुए 71 साल पूरे होने जा रहे हैं। भारत ने करीब हजार साल तक गुलामी झेली है और भारत इस दुनिया का ऐसा देश है जिसने कभी दूसरे पर पहले हमला नहीं किया। हजार सालों तक गुलामी झेलने के बाद अकसर यही कहा जाने लगा कि भारत कभी तरक्की नहीं कर सकता या यूं कहें कि भारत को हमेशा से ही बाकी देशों से कमजोर माना जाने लगा। लेकिन भारत ने अकेल अपने दम पर ऐसी उपलब्धियां हासिल कीं, जो शायद ही कोई हासिल कर पाया हो।

भारत के मुकाबले दुनिया में टेक्नोलॉजी ज्यादा तेजी से आई और तेजी से बढ़ी, लेकिन फिर भी भारत ने खुदको काबिल बनाने के लिए दुनिया के बाकी देशों से मदद मांगने की बजाय अपनी मेहनत पर भरोसा दिखाया। 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज हम आपको कुछ ऐसे ही बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भारत ने अपने बलबूते हासिल की।



1. 1953 में आया था पहला कंप्यूटर :पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान में भारत का पहला कंप्यूटर बनाया गया जो एक छोटी एनालॉग डिवाइस थी। इसका इस्तेमाल लिनियर इक्वेशन को सॉल्व करने के लिए किया जाता था। बाद में 1954-55 में भारत ने ब्रिटेन से 10 लाख रुपए में HEC-2M को खरीदा और इसे ही भारत का पहला कंप्यूटर माना जाता है। इस कंप्यूटर की लंबाई 10 फीट, चौड़ाई 7 फीट और ऊंचाई 6 फीच थी। इसमें कीबोर्ड, मॉनिटर, प्रोसेसर नहीं था और इसकी मेमोरी भी सिर्फ 3 केबी ही थी।

हालांकि, मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) में भारत का पहला कंप्यूटर बनाया गया था। इस कंप्यूटर पर 1955 से काम शुरू हुआ था और 1960 में ये बनकर तैयार हुआ था। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस कंप्यूटर का नाम 'टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ऑटोमैटिक केलकुलेटर (TIFRAC)' रखा। TIFRAC भारत का पहला कंप्यूटर था, जिसे भारत में ही बनाया गया था।


2. अमेरिका के मना करने के बाद बना पहला सुपर कंप्यूटर : कहा जाता है कि भारत ने अमेरिका से सुपर कंप्यूटर लेना चाहता था लेकिन अमेरिका ने भारत को इससे मना कर दिया। जिसके बाद डॉक्टर विजय भाटकर ने स्वदेशी तकनीक की मदद से 1 जुलाई 1991 को पहला सुपर कंप्यूटर 'परम 8000' लॉन्च किया। इसके बाद 1998 में दूसरा सुपर कंप्यूटर 'परम 10000' लॉन्च किया गया।



3. जब पहली बार हुई फोन पर बात : बात 31 जुलाई 1995 की है जब भारत में पहली बार मोबाइल पर बात की गई। मोदी टेल्स्ट्रा भारत में मोबाइल सर्विस देने वाली पहली कंपनी थी, जिसने अपनी सर्विस का नाम 'मोबाइल नेट' रखा था। पहली बार मोबाइल फोन पर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु और उस समय के केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम के बीच बात हुई थी। इस कॉल को करने के लिए नोकिया 2110 का इस्तेमाल किया था। ये कॉल कोलकाता राइटर्स बिल्डिंग से दिल्ली के संचार भवन के बीच की गई थी।



4. 2009 में आया था पहला एंड्रॉयड स्मार्टफोन : ताईवानी कंपनी HTC ने 2008 में अमेरिका में दुनिया का पहला एंड्रॉयड स्मार्टफोन HTC T-Mobile G1 लॉन्च किया था। इसी फोन को HTC Dream के नाम से जून 2009 में भारत में लॉन्च किया गया। ये भारत का पहला ऐसा स्मार्टफोन था, जो गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता था।



5. 42 साल पहले लॉन्च हुई थी पहली सैटेलाइट :भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने 19 अप्रैल 1975 को भारत की पहली सैटेलाइट 'आर्यभट्ट' को अंतरिक्ष में छोड़ा था। इसका वजन 358 किलोग्राम था, जिसे रूसी रॉकेट के मदद से भेजा गया था। भारत की पहली सैटेलाइट लॉन्च करने के पीछे इसरो के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय प्रोफेसर यूआर राव का दिमाग था और इन्हें सैटेलाइट क्रांति का जनक कहा जाता है। आर्यभट्ट के बाद जो दूसरी सैटेलाइट छोड़ी गई थी, उसका नाम 'भास्कर-1' था जिसका वजन 444 किलोग्राम था।



6. एटीएम के आविष्कारक का जन्म भारत में ही हुआ था :एटीएम को ऑटोमैटेड टेलर मशीन कहा जाता है और इसका अविष्कार जॉन शैफर्ड बैरोन ने किया था। जॉन का जन्म भारत के मेघालय राज्य में ही हुआ था। दुनिया में पहला एटीएम 27 जून 1967 को उत्तरी लंदन के इनफिल्ड में लगा था। वहीं भारत में पहला एटीएम सिटी बैंक और एचएसबीसी बैंक ने मुंबई में अपनी ब्रांच के पास सितंबर 1987 में लगाया था। जून 2016 तक के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 2 लाख 15 हजार 39 एटीएम थे।



7. आजाद भारत की पहली गाड़ी :आजादी से पहले तक भारत में अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों से कारों को इंपोर्ट किया जाता था। लेकिन आजाद भारत में पहली बार 1949 में हिंदुस्तान मोटर्स ने अपनी पहली कार लॉन्च की। हिंदुस्तान मोटर्स की स्थापना 1942 में बी.एम. बिड़ला ने की थी, लेकिन पहली कार 'हिंदुस्तान 10' का प्रोडक्शन 1949 तक शुरू नहीं हो पाया। हिंदुस्‍तान 10 मॉडल को ब्रि‍टि‍श मोरि‍स 10 के आधार पर बनाया गया था। इसके बाद साल 1950 में हिंदुस्‍तान मोटर ने मोरिस मि‍नर के आधार पर बेबी हिंदुस्‍तानऔर हिंदुस्‍तान 12 को मोरि‍स 14 के आधार पर पेश कि‍या।



8. भारत की सबसे पहली बाइक :भारत में चलने वाली सबसे पहली मोटरसाइकल 350सीसी की पावरफुल बाइक रॉयल एनफील्ड बुलेट थी। जिसे इंग्लैंड से इम्पोर्ट कर मद्रास में असेंबल किया जाता था। लेकिन आजाद भारत में पहली बार 250 सीसी की टू-स्ट्रोक रेसिंग मोटरसाइकल 'जावा मोटरसाइकल' चलाई गई। ये बाइक पूरी तरह से भारत में ही तैयार की गई थी। 1960 में मैसूर शहर में फारूक ईरानी ने चेकोस्लोवाकिया की कंपनी जावा मोटर्स से लाइसेंस लेकर भारत में 'आइडियल जावा (इंडिया) लिमिटेड' की स्थापना की थी। इसके बाद सन् 1970 से 1990 तक पूरे 30 सालों तक इस बाइक का रेंसिंग मोटरसाइकलों में कोई मुकाबला नहीं था।



9. मुंबई से दिल्ली उड़ा था पहला प्लेन : भारत में एयरोप्लने लाने में जेआरडी टाटा का सबसे बड़ा योगदान रहा। 1929 में भारत के पहले लाइसेंस प्राप्त पायलट बने। इसके बाद 1932 में टाटा एविएशन नाम से 2 लाख रुपए की लागत से विमान कंपनी शुरू की। उन्होंने 1937 में पहली बार मुंबई से दिल्ली के बीच यात्री उड़ान भरी। 1946 में इस कंपनी के शेयर बेचने के साथ ही उसका नाम एयर इंडिया लिमिटेड रख दिया गया। एयर इंडिया और टाटा एक दूसरे के पर्याय है। देश के आजाद होने के बाद उनकी कंपनी ने इंटरनेशनल फ्लाइट्स की सेवा भी देने शुरू कर दिया। गणतंत्र बनने के अगले ही साल सन् 1953 में एयर इंडिया समेत नौ और विमान कंपनियों का नेशनलाइज्ड कर दिया जिसका अध्यक्ष जेआरडी टाटा को बना दिया गया। जिसके बाद 1972 तक उन्होंने अध्यक्ष पद संभाला।



10. कोलकाता थी पहली मेट्रो सिटी :अंग्रेजों के जमाने में कोलकाता भारत की राजधानी हुआ करती थी और सबसे ज्यादा विकास भी यहीं पर हुआ। आजादी के बाद भारत में पहली बार मेट्रो ट्रेन की शुरुआत भी कोलकाता में ही हुई। 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोलकाता मेट्रो का उद्घाटन किया। पहली मेट्रो ट्रेन 12 स्टेशन को कवर करती थी, जिसमें से 6 अंडरग्राउंड थे।

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