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Sunday, July 29, 2018

गुजरात राज्य का इतिहास और जानकारी | Gujarat state History Information



गुजरात भारत देश के अन्य राज्यों जैसा ही एक महत्वपूर्ण राज्य। गुजरात में कई सारे क्रांतिकारी हुए जिन्होंने देश को आजाद बनाने के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया। देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सबसे वयोवृद्ध पुरुष दादाभाई नौरोजी, और संयुक्त भारत के शिल्पकार सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे महान लोग गुजरात से थे।

गुजरात राज्य का इतिहास और जानकारी – Gujarat state History Information

गुजरात जैसे महान और बड़े राज्य का इतिहास काफी पुराना है और इस राज्य को पहले गुजराता (गुर्जर राष्ट्र) कहा जाता था जिसका अ है की गुर्जर लोगो का राष्ट्र। कुछ लोगो का ऐसा भी मानना है की गुर्जर लोग मध्य एशिया में रहते थे और पहली शताब्दी के दौरान भारत आये थे। गुजरात में भी सिन्धु संस्कृति और हड़प्पा संस्कृति के लोग रहते थे। इस बात को साबित करने के लिए लोथल और धोलावीरा में जब खुदाई की गई तब कुछ पुख्ता सबुत मिले थे।
गुजरात जैसे राज्य पर बहुत सारे शूरवीर राजा महाराजा ने राज्य किया था। इसीलिए गुजरात का इतिहास भी बहुत बड़ा बन चूका है। इस राज्य पर मौर्य, स्क्यथियन, गुप्त, सोलंकी और मुग़ल जैसे शक्तिशाली वंश के लोगो ने शासन किया था। उन सभी राजा महाराजा ने गुजरात की संस्कृति को अधिक सम्पन्न बनाने के लिए बड़ा योगदान दिया था।
उन्होंने कई सारे स्मारक बनवाये थे और कई सारी नयी परम्पराए नए सिरे से जारी कर दी थी। बाद में फिर राज्य में गुर्जर और पारसी लोग रहते थे। लेकिन 18 वी शताब्दी तक वो सभी लोग मुग़ल और मराठा शासन के नियंत्रण में थे।
सन 1818 के करीब अंग्रेज भारत में आये थे और उन्होंने 1947 तक भारत पर राज किया था। अंग्रेजो ने इस्ट इंडिया कंपनी का पहला मुख्यालय सूरत में स्थापित किया था। लेकिन बाद में अंग्रेजो ने इस मुख्यालय को बॉम्बे (अभी मुंबई) में स्थानांतरित कर दिया था।
1960 में गुजरात के लोगो ने खुद के लिए नया राज्य बनवाने का फैसला लिया था। इस फैसले के कारण ही गुजरात और महाराष्ट्र का निर्माण करवाया गया।
1 मई 1960 को गुजरात को भारत का एक राज्य के रूप में मान लिया गया था। जब शुरुवात में गुजरात राज्य बना था तब अहमदाबाद इसकी राजधानी थी लेकिन बादमे सन 1970 में गांधीनगर को राजधानी बनाया गया था। आज गुजरात पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है।

गुजरात राज्य की भाषा – Language of Gujarat state

गुजरात विभिन्न जातियों, धर्मों और समुदायों के लोगों द्वारा बसे हुए हैं। इस कारण से, राज्य में कई विभिन्न भाषाओं बोली जाती हैं। राज्य की आधिकारिक भाषा गुजराती है। गुजराती दुनिया की 26 वीं सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। इसके अतिरिक्त, राज्य के विभिन्न हिस्सों में बोली जाने वाली ग्यारह बोलियाँ हैं।

गुजरात के कुछ महत्वपूर्ण जिले – Some important districts of Gujarat

गांधीनगर: यह जिला गुजरात की आत्मा है। यह गुजरात का दोनों, सांस्कृतिक और व्यावसायिक धागा है।
कच्छ: गुजरात में न केवल कच्छ, बल्कि भारत में भी सबसे बड़ा जिला है। कच्छ में अधिकांश भूमि रेगिस्तानी रूप में है।
सूरत: यह जिला भारत में सबसे अच्छा हीरा और ज़ारी काम के लिए भी जाना जाता है।
अहमदाबाद: अहमदाबाद, जिसे भारत के मैनचेस्टर के रूप में जाना जाता है, अपने वस्त्र उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है।
वडोदरा: यह जिला इसके उर्वरक, फार्मास्यूटिकल और कांच उद्योगों के लिए जाना जाता है, जिससे गुजरात का प्रमुख औद्योगिक हब बन जाता है।
राजकोट: यह गन्ना, मूंगफली और कपास का उत्पादन करने के लिए जाना जाता है।
आनंद: यह एक और जिला है जो सबसे अच्छा डेयरी उत्पाद ब्रांड अमूललाता है। मुख्य डेयरी यहां स्थित है।
गुजरात का धर्म – Religion of Gujarat
भारत के अन्य राज्यों की तरह गुजरात में भी विभिन्न जाती और धर्मं के लोग बड़े ही प्रेम भाव से रहते है। भारत के सबसे अधिक औद्योगिक राज्यों में गुजरात का भी नाम आता है और औद्योगिकिकरण ज्यादा होने के कारण युवा के लिए रोजगार के अवसर बड़े पैमाने पर उपलब्ध है।
इसीलिए देश के हर कोने में से लोग यहापर काम ढूंढने आते है और यही पर हमेशा के लिए बस जाते है। गुजरात में अधिकतर लोग हिन्दू धर्म के ही है और लगभग 891% लोग हिन्दू धर्मं के ही है। गुजरात के लोग बहुत ही रुढ़िवादी है और केवल शाकाहारी खाना ही खाते है।
गुजरात के जितने भी हिन्दू धर्म के लोग है उनकी प्रमुख देवता भगवान श्री कृष्ण ही है। पुरे राज्य में श्रीकृष्ण की श्रीनाथजी के रूप में पूजा की जाती है। गुजरात में हिन्दू के अलावा भी पारसी, मुस्लीम, सिख और जैन धर्मं के लोगो की संख्या भी बहुत बड़ी है। इन सबसे हमें गुजरात की सांस्कृतिक विविधता समझ में आती है।
गुजरात के त्यौहार – Festivals of Gujarat
गुजरात को त्यौहार का राज्य माना जाता है। त्योहारों को पुरे उत्साह के साथ मनाने के लिए गुजरात देश और विदेश में जाना जाता है। पुरे देश में बहुत से त्यौहार हैं लेकिन कुछ उत्सव ऐसे भी है जो केवल गुजरात से ही जुड़े है। इस तरह के त्यौहार बहुत पुराने ज़माने से गुजरात में मनाये जाते है। अपनी प्रथा और परंपरा को बनाये रखने के लिए यहाँ के लोग उत्सव मनाते है। गुजरात मे सबसे ज्यादा नवरात्री का उत्सव मनाया जाता है।
नवरात्रि – Navratri
नवरात्रि गुजरात का सबसे प्रमुख त्यौहार माना जाता है। त्यौहार को बड़े पैमाने पर और बड़े उत्साह के साथ मनाने के लिए गुजरात राज्य काफी जाना जाता है। यह त्यौहार केवल गुजरात में ही नहीं बल्की पुरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
नवरात्री का आयोजन करने के लिए बहुत सारी व्यवस्था की जाती है। गुजरात सरकार भी इस त्यौहार को अच्छे से मनाने के लिए तयारियो में लग जाता है। दशहरा के नौ दिन पहले इस त्यौहार की शुरुवात होती है। देवी के नौ अवतार की पूजा इस त्यौहार के दौरान की जाती है। पुरे नौ दिनों में लोग देवी के उपवास करते है और मंदिरों में जाकर देवी के दर्शन लेते है।
रात के समय तो त्यौहार को बूढ़े और जवान सभी लोग एक साथ में मिलकर मनाते है। इस उत्सव में सबसे मुख्य आकर्षण डांडिया रास और गरबा ही रहता है। यह दोनों भी नृत्यु इस प्रदेश के पारंपरिक नृत्य में गिने जाते है। इसमें लोग ड्रम की धुन पर नाचते है और साथ में लोकगीत गाते है।
डंडिया रास के दौरान सभी लोग इकट्टा होकर मैदान में इस नृत्य का आनंद लेते है। यह नृत्य देर रात तक बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
कच्छ का महोत्सव – Festival of Kachchh
कच्छ का त्यौहार गुजरात के कच्छ प्रदेश में मनाया जाता है। इस त्यौहार को गुजरात पर्यटन निगम की तरफ़ से आयोजित किया जाता है और यह त्यौहार छे दिन तक चलता है।
रथ यात्रा – Rath Yaatra
रथ यात्रा एक बहुत ही बड़ा उत्सव है जो गुजरात में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव के नाम से ही हमें मालूम पड़ता है इस उत्सव में बड़े बड़े लकड़ी के रथ बनाये जाते है और उसमे भगवान कृष्ण, भगवान बलराम और देवी सुभद्रा को इन रथो में बिठाया जाता है।
दंग दरबार – Dang Darabaar
दंग दरबार का उत्सव गुजरात के दंग जिले में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह जिला सातपुडा पर्वत में आता है। इस जिले में ज्यादातर जनजाति वाले लोग रहते है जो इस प्रदेश में बहुत पुराने ज़माने से रहते है। इसी कारण दंग दरबार का उत्सव जनजाति के लोगो का त्यौहार बन चूका है।
गुजरात के मंदिर – Temples of Gujarat
गुजरात में कई सारे मंदिर है जिसके कारण गुजरात को एक पवित्र राज्य माना जाता है। इन मंदिरों के कारण कई सारे यात्री इस स्थान पर हमेशा आते रहते है। यहाँ के सभी मंदिरे को देखकर पुराने समय याद आ जाती है और जिन्हें पुराणी वास्तुकला में काफी रुची है उनके लिए यह जगह सभी तरह से सही है।
गुजरात के देव और देवी के मंदिरे उनकी सुन्दरता और भव्यता के कारण विशेष जाने जाते है। इन मंदिरों को एक बार भेट देने के बाद आप के मन में भी भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना जागृत हो जाती है।
सूर्य मंदिर – Sun temple
गुजरात का सूर्य मंदिर मोढेरा में स्थित है। यह सूर्य मंदिर कोणार्क के सूर्य मंदिर की तरह दीखता है और यह मंदिर भगवान सूर्यदेव को समर्पित है। इस मंदिर में हर साल जनवरी के महीने में नृत्य उत्सव का आयोजन किया जाता है।
अक्षरधाम मंदिर – Akshardham Temple
अक्षरधाम मंदिर गुजरात की राजधानी गांधीनगर में स्थित है। ऐसा शानदार और दिव्य मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। पुरे गुजरात में इस मंदिर के परिसर जैसा बड़ा परिसर कहा पर भी देखने को नहीं मिलता।
सोमनाथ मंदिर – Somnath temple
सोमनाथ मंदिर गुजरात के जुनागड़ जिले में स्थित है। यह प्रसिद्ध मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। भारत के बारा ज्योतिर्लिंग मंदिर में से यह एक मंदिर है। इस मंदिर की खास बात यह है की इसे छे बार बनवाया गया और छे बार तोडा गया।
अम्बाजी मंदिर – Ambaji Temple
अम्बाजी मंदिर गुजरात के बनासकांठा जिले के अम्बाजी शहर में स्थित है। यह पवित्र मंदिर देवी आंबे माता को समर्पित है। भारत में जितने भी शक्तीपीठ है उनमेसे एक यह एक शक्तिपीठ माना जाता है।
द्वारकाधीश मंदिर – Temple of Dvaarakaadheesh
द्वारका शहर गुजरात के जामनगर जिले में आता है। यह शहर गुजरात का बहुत ही पुराना मंदिर है और इस शहर में देश का बहुत ही प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है जो देश के हिन्दू लोगो का सबसे बड़ा तीर्थस्थल माना जाता है। इस शहर की समृद्धि को देखकर इसे स्वर्ण द्वारकाभी कहा जाता है।
गिरनार मंदिर – Girnar Temple
गुजरात के पवित्र स्थलों मे गिरनार का भी नाम लिया जाता है। गिरनार जुनागड़ के नजदीक में ही स्थित है। इस जगह इतने सारे मंदिर देखने को मिलते है जिसके कारण गिरनार एक मंदिरों का शहर बन चूका है।
गुजरात जैसे महान और पवित्र राज्य में देखने जैसी बहुत जगह है। यहापर कई सारे हिन्दू मंदिर, जैन मंदिर और अन्य धर्म के मंदिरों की कोई कमी नहीं। यहापर त्योहारों की भी कोई कमी नहीं। यहाँ हर तरह के उत्सव बड़े आनंद से मनाये जाते है।
नवरात्री, दंग दरबार, मोढेरा नृत्य त्यौहार जैसे कई सारे त्यौहार मनाये जाते है। मंदिरों में भी यहापर विविधता दिखाई देती है। यहापर का हर मंदिर दुसरे मंदिर से पूरी तरह से अलग है। हर मंदिर की खुद की अलग पहचान है। सूर्य मंदिरसोमनाथ मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, गिरनार मंदिर जैसे प्रसिद्ध मंदिर केवल इसी राज्य में देखने को मिलते है।
यहाँ का जो सूर्य मंदिर है वो तो सबसे खास है। इस मंदिर को देखने के बाद आप को कोणार्क के सूर्य मंदिर की याद आ जाती है क्यों की यहाँ का सूर्य मंदिर बिलकुल कोणार्क के मंदिर की तरह ही बनवाया गया है।
गुजरात राज्य की एक बात सबसे विशेष है की इस राज्य में खुद भगवान कृष्ण रहते थे। गुजरात के द्वारका शहर में भगवान कृष्ण रहते थे और वहासे ही अपना राज्य चलाते थे। द्वारका शहर बहुत सुन्दर और समृद्ध था।
अपनी इस राजधानी से भगवान श्री कृष्ण सब पर ध्यान रखते थे। ऐसा भी कहा जाता है की उनका यह शहर सोने से बनाया गया था। सभी तरफ़ स्वर्ण की इमारते, लोगो के घर बनाये जाते थे। शायद इसी कारण उनके इस शहर को स्वर्ण का शहर भी कहा जाता था।

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